मेरा लक्ष्य सिर्फ ग्रांड मास्टर बनना नहीं है -आर्यन चोपड़ा
"मेरा लक्ष्य सिर्फ ग्रांड मास्टर बनना नहीं है उससे आगे भी जाना है " ऐसा कहना है मात्र 14 वर्ष की आयु वाले वर्तमान में विश्व के सबसे युवा ग्रांड मास्टर बने आर्यन चोपड़ा का वे सबसे कम उम्र में ग्रांड मास्टर बनने वाले भारत के दूसरे खिलाड़ी है . उन्होने सिर्फ 61 टूर्नामेंट खेलकर ही ग्रांड मास्टर की उपाधि पायी है यह बात उनकी उपलब्धि को बेहद ही खास बनाती है बेहद ही नम्र स्वभाव के आर्यन अपने माता-पिता के लिए 2900 रेटिंग का आंकड़ा छूना चाहते है । इस छोटी सी उम्र में भी अपने भारत देश से उन्हे बेहद लगाव है और तिरंगे की मौजूदगी उन्हे अच्छा खेलने के लिए प्रेरित करती है और ये बात इशारा करती है की भारत को आने वाले समय के लिए एक चमकता सितारा मिल चुका है ताल और फिशर के खेल से बेहद प्रभावित आर्यन विश्व शतरंज में अपनी गहरी छाप छोड़ना चाहते है और इसके लिए जो बाते आवश्यक है वो उनमे मौजूद भी है । पढे और देखे उनका पूरा इंटरव्यू ..
मलेशिया में आर्यन छठे स्थान पर रहे और ग्रांड मास्टर बनने के लिए जरूरी 2500 का आंकड़ा उन्होने छू लिया
आर्यन से मुझे मलेशियन ओपन के दौरान मिलने का मौका मिला वो एक दिन पूर्व ही ग्रांड मास्टर बने थे और उन्होने सबसे पहला इंटरव्यू चेसबेस को दिया उसके लिए हम उनके आभारी है । साथ ही पहली बार हिन्दी में इंटरव्यू देने वाले वे भारतीय शतरंज के पहले खिलाड़ी है । विशेष धन्यवाद आर्यन !
कहते है हमें भविष्य का अंदाजा भले ना हो ,समय सब जानता है ,आनंद -अरुणा के साथ 8 साल के आर्यन !
निकलेश - हैलो आर्यन आपको बहुत बहुत बधाई चेसबेस की ओर से और भारत में जितने भी लोग शतरंज को पसंद करते है उनकी ओर से । अब आपके नाम आर्यन चोपड़ा के ग्रांड मास्टर लिखा जाएगा तो कैसा लग रहा है ?
आर्यन – बहुत अच्छा लग रहा है
निकलेश-आपने मलेशियन ओपन के दौरान ये जो उपलब्धि हासिल की है तो कुछ दबाव था आपके उपर राउंड के पहले ?
आर्यन - हाँ जी थोड़ा प्रेसर तो था लेकिन मेरा लक्ष्य सिर्फ ग्रांड मास्टर बनना नहीं है उससे आगे भी जाना है तो फिर क्यूंकी और आगे जाना ही है तो ग्रांड मास्टर तो सिर्फ एक स्टेप (सीढ़ी ) है ।
निकलेश -बहुत अच्छी बात है आप ऐसा सोचते है और हमें पूरी उम्मीद है की आप आने वाले समय में भारत के लिए और भी नयी ऊँचाइयाँ छूएँगे । आर्यन आपकी उम्र में अधिकतर बच्चे स्कूल जाते है और उनका अधिकतर समय होमवर्क करने और टूएशन पढ़ने में निकल जाता है तो आप शतरंज से कैसे जुड़े किसने सिखाया आपको ये खेल ?
आंखो में झाँकने का हौसला तू रख, मंजिल खुद तुझसे मिलने तड़प उठेगी
आर्यन - मेरी एक छोटी सी दुर्घटना हुई थी जब मैं 6 वर्ष का था और उसकी वजह से मुझे कुछ दिन घर पर ही बैठना पड़ा उस दौरान मैंने जब अपने पिछले साल के जन्मदिन के गिफ्ट (तोहफे ) खोलकर देखे तो उसमे एक चेस बोर्ड था तो घर पर ही चौराहे के बच्चे खेलने आते थे और ऐसे यह खेल मैंने खेलना शुरू हुआ और फिर मैंने पापा को एक बात बताई की घोडा आठ खानो में नियंत्रण करता है और उसके बाद शायद पापा को लगा की मुझमे शायद शतरंज के लिए कुछ टेलेंट (प्रतिभा )है तो वो फिर मदद मांगने मेरे स्कूल गए तो स्कूल वालों नें कहा की अभी जो डांस प्रतियोगिता होने वाली है उसके लिए तैयारी करो । तो फिर उन्होने खुद ही इंटेरनेट पर ढूंढा तो हमें मिले प्रसन्नजीत दत्ता सर , फिर उनसे मैंने पहली शतरंज की क्लास ली और मैंने सिर्फ 5 ही क्लास की थी और मैंने बस कुछ नियम और किलेबंदी ही सीखी थी और मैं यू-7 का दिल्ली स्टेट (राज्य ) टूर्नामेंट (प्रतियोगिता) खेलने चला गया । वंहा हुए सभी छह मैच मैंने जीत लिए ।
निकलेश - तो मतलब आप अपने पहले ही टूर्नामेंट में स्टेट चैम्पियन बन गए मतलब कुल मिलाकर आपका भाग्य भी आपको वंही ले जा रहा था । आर्यन जैसा आप कह रहे है की आपको आगे भी जाना है पर ग्रांड मास्टर भी इस खेल का एक बड़ा सम्मान माना जाता है ,तो आप किसको इसका श्रेय किसे देना चाहेंगे मतलब किनकी मेहनत की वजह से आप यंहा पहुंचे है आपकी खुद की मेहनत तो है ही ?
कॉमनवैल्थ यू-10 स्वर्ण पदक विजेता 2010
आर्यन -मेरे माता -पिता का बहुत योगदान है । कोच में जैसे प्रसन्नजीत सर की वजह से ही मैंने खेलना शुरू किया । शैलेंद्र बाजपई सर से मैंने कुछ क्लास ली और उनसे मैंने काफी अभ्यास मैच भी खेले । चन्दन मण्डल सर से भी मैंने काफी अभ्यास मैच खेले । फिर सुव्रजित सहा सर आए और उन्होने मुझे हर हार्ड वर्क ( कड़ी मेहनत ) करना सिखाया । और अनुशासन सिखाया और मेरे अंदर काफी बदलाव लाये । फिर सप्तर्षि रॉय चौधरी सर उन्होने मुझे सिखाया कैसे ओपनिंग तैयार करते है और कैसे कम्प्युटर का उपयोग करते है । और उसके बाद मैंने खुद भी काफी मेहनत की ।
मलेशिया से लौटने पर आर्यन और उनके माता पिता का दिल्ली शतरंज संघ नें भव्य स्वागत किया । खुद भारत सिंह चौहान ,अजीत वर्मा और एमएस गोपाकुमार और आरएस तिवारी जी ऐयरपोर्ट पहुंचे !
निकलेश - बहुत अच्छी बात है आर्यन की आपको सभी का योगदान याद है ,खैर जरा खेल से हट के ये बताइये की आपको खाने में क्या पसंद है ।
आर्यन - हम्म .. जैसे सारे बच्चे पसंद करते है पिज्जा बरगर
निकलेश – आर्यन जब आप टूर्नामेंट नहीं खेल रहे होते है तो क्या करना पसंद करते है
आर्यन – मुझे म्यूजिक (संगीत ) सुनना बेहद पसंद है और तैयारी खत्म करने के बाद कभी वीडियो गेम खेलना भी पसंद है पर उसका समय कम ही मिलता है क्यूंकी मैं वैसे भी कम्प्युटर पर काफी समय बिताता हूँ तो आंखो को थोड़ा आराम भी जरूरी है ।
निकलेश – कोई खास गीत जिसे आप गुनगुनाते हो ?
आर्यन – दिल तो बच्चा है जी एक गीत है वो मुझे बेहद पसंद है
निकलेश – फिल्मे देखते है ?
आर्यन – हाँ जी कभी देखा भी तो दिन मैं पर बहुत ही कम कभी कभी कार्टून देख लेता हूँ
निकलेश – कोई खास कार्टून केरेक्टर जो पसंद हो
आर्यन – नहीं ऐसा तो कोई नहीं
आनंद से मिलने का आनंद !बात ही कुछ ओर है
निकलेश – आर्यन आपका ज़्यादातर समय शतरंज में ही बीत जाता है तो कभी बोरियत नहीं होती कितने भी घंटे काम कर सकते है ?
आर्यन – नहीं होती कितना भी काम कर सकता हूँ
निकलेश – आर्यन आपके पैरेंट्स ने बहुत समय दिया है आपके ऊपर । मैंने देखा है आपको जब आप नौ साल के थे आपके पिता आपको लेकर सफर करते थे अब आपकी माँ आपके साथ सफर करती है तो उनके बारे में आप क्या कहना चाहेंगे ? उनके लिए उनकी मेहनत को सफल करने के लिए कहाँ तक जाना चाहेंगे ?
महज तीन साल के आर्यन लंदन में अपनी माँ श्रीमति ममता चोपड़ा के साथ
आर्यन – उन्होने बहुत मेहनत की और उनके सहयोग के बिना नहीं हो पाता , पैरेंट्स का सहयोग बहुत जरूरी होता है उनके लिए मैं शतरंज में 2900 रेटिंग हासिल करना चाहूँगा ।
निकलेश – आर्यन आपको बहुत बहुत शुभकामनाए की आप 2900 छूने वाले पहले खिलाड़ी होंगे
आर्यन – पहला तो नहीं कह सकता पर करूंगा जरूर
निकलेश – हमारी शुभकामनाए आपके साथ है की आप जरूर 2900 का आंकड़ा छूएँगे ।
पूर्व विश्व विजेता क्रामनिक के साथ आर्यन
निकलेश – आप टूर्नामेंट की तैयारी कैसे करते है ?
आर्यन – मैं काफी चीजों पर ध्यान रखना पड़ता है जैसे ओपनिंग , मिडल गेम और एंड गेम सभी का ध्यान रखना पड़ता है ,सब का बेलेन्स ( संतुलन ) रखता हूँ ताकि ऐसा न हो की सिर्फ ओपनिंग ही देखता रहा या फिर मिडल गेम ।
अर्मेनिया के दिग्गज अर्नोनियन के साथ आर्यन
निकलेश – तो तकरीबन कितने घंटे आप तैयारी करते है ? सात आठ घंटे या उससे भी ज्यादा
आर्यन – नहीं ऐसा गिनता तो नहीं पर फिर भी पाँच छह घंटे देखता हूँ की ज्यादा ना हो जाए वरना मैं मैच के पहले ही थक जाऊंगा ।
निकलेश – तो अपने मैच का विश्लेषण कैसे करते है मतलब खुद ही करते है या किसी की मदद लेते है ? अपने मैच के बारे में लिखते है
आर्यन – अपने मैच मैं पहले खुद ही देखता हूँ फिर कम्प्युटर पर इंजन लगाकर देखता हूँ । हाँ अपने मैच के बारे में लिखता हूँ
पूर्व विश्व चैम्पियन चैलेंजर नाइजल शॉर्ट के साथ आर्यन
निकलेश – आर्यन ऐसा कौन सा खिलाड़ी रहा है जिनका खेल देख के लगता हो की मुझे इनके जैसा खेलना है ?
आर्यन – ऐसे दो खिलाड़ी है एक तो ताल और दूसरे फिशर
निकलेश – मिखाइल ताल के खेल में आपने क्या खूबी देखी ?
आर्यन – जरूरी नहीं की उनके खेल में सेक्रिफ़ाइस सही हो पर कोई उसे पकड़ नहीं पाता था
निकलेश – तो क्या यंहा पर यह भी मायने रखता है की आपका विरोधी उस समय उस स्तर पर जाके हल ढूंढ पाता है या नहीं ?
आर्यन – हाँ दबाव बहुत बन जाता है जैसे उनके आक्रमण ज़्यादातर राजा की तरफ होते थे तो आजकल तो इंजन सब देख लेता है पर इंसान के लिए ये संभव नहीं है
निकलेश – तो आप ताल की तरह कभी खेलते है और फिशर ?
आर्यन – हाँ जी (मुस्कराते हुए ) और फिशर इसीलिए मैंने कहा क्यूंकी उनके सेक्रिफ़ाइस और आकलन ज्यादा सही होता था । तो मैं चाहता हूँ की कलकुलेशन (आकलन ) सही भी हो
निकलेश – मतलब ताल और फिशर दोनों हमें आर्यन में नजर आ सकते है ?
आर्यन – हाँ जी , और मैं चाहता हूँ की एंड गेम भी अच्छा हो अगर मेरा तो
निकलेश – तो एंड गेम में क्या कपाब्लांका पर नजर है ?
आर्यन – हाँ मैं कपाब्लांका के एंडगेम हल करता हूँ
निकलेश – कोई खास किताबे जो आप बताना चाहे हमारे पढ़ने वालों को जो बच्चे अभी शुरू कर रहे है खेलना ?
आर्यन – हाँ जैसे ड्रोवेस्की एंडगेम मैनुअल , कपाब्लांका एंडगेम , कास्पारोव की my great predecessors ( मेरे महान पूर्वज ) ,मैं अभी खुद भी पढ़ रहा हूँ ।
निकलेश - आर्यन कोई खास खेल जो आपको पसंद हो
आर्यन – बुल्गारिया में 2015 में एक मैच मुझे बेहद पसंद है इस टूर्नामेंट में मेरी शुरुआत अच्छी नहीं हुई थी मैं चार में से सिर्फ एक मैच जीत पाया था और फिर मैंने वापसी की थी ।
[Site "?"]
[Date "2015.06.24"]
[Round "8"]
[White "Istratescu, Andrei"]
[Black "Aryan, Chopra"]
[Result "0-1"]
[ECO "D43"]
[WhiteElo "2648"]
[BlackElo "2334"]
[Annotator "Aryan"]
[PlyCount "82"]
[SourceDate "2010.06.24"]
{इस प्रतियोगिता की शुरुआत में
वो चार मैच में से सिर्फ एक अंक
जूटा पाये थे पर फिर उन्होने
वापसी करते है लगातार मैच जीते
और आईएम नोर्म भी बनाया} 1. c4 c6 2. d4 d5
3. Nf3 Nf6 4. Nc3 e6 5. Qb3 dxc4 6. Qxc4 b5 7. Qd3 a6 8. Bg5 c5 9. Bxf6 gxf6
10. d5 Bb7 11. O-O-O Nd7 12. dxe6 fxe6 13. Ne4 Bd5 14. Qe3 Qe7 15. g3 O-O-O 16.
Bg2 Nb6 17. Nc3 Nc4 18. Nxd5 exd5 19. Qxe7 Bxe7 20. e3 Nb6 21. Nh4 c4 22. Rd4
Bc5 23. Rf4 d4 24. Rxf6 Na4 25. Nf5 c3 26. exd4 cxb2+ 27. Kc2 Bxd4 28. Rxa6 Bc5
29. Bc6 Bb4 30. Ra7 Rd2+ 31. Kb3 Bc5 32. Ra8+ Kc7 33. Rxh8 Rd3+ 34. Kc2 Rc3+
35. Kd2 Bb4 36. Be4 Rc1+ 37. Ke3 Rxh1 38. Rxh7+ Kb6 39. Rh6+ Ka5 40. Kf3 Nc5
41. Nd4 Nxe4 0-1
निकलेश – आपको अपना पहला नोर्म 11 साल की उम्र के आसपास मिला फिर तकरीबन दो साल लगे आपको अगला नोर्म लेने में तो कैसा बीता ये पूरा समय ?
[Site "?"]
[Date "2013.08.28"]
[Round "6"]
[White "Brochet, Philippe"]
[Black "Aryan, Chopra"]
[Result "0-1"]
[ECO "B23"]
[WhiteElo "2414"]
[BlackElo "2147"]
[Annotator "Aryan"]
[SetUp "1"]
[FEN "1r3rk1/p4pb1/3pp2p/2n1n2q/4PBp1/1NN1Q3/PPP2PP1/3R1RK1 b - - 0 20"]
[PlyCount "37"]
[SourceDate "2010.06.24"]
{आर्यन के कुछ बेहतरीन खेलो में
यह भी एक मैच है जिसमें उन्होने
काले के राजा के ऊपर हमले की
शुरुआत करते हुए अपने हाथी को
काले के घोड़े के बदले बलिदान कर
दिया} 20... Rxb3 $3 21. axb3 {शुरुआत में
उनकी इस चाल को इंजन भी नहीं
पकड़ सका} Nf3+ $1 22. gxf3 gxf3 23. Bg3 $8 Be5 $1 {सचमुच
ऐसा खेल आपको बाबी फिशर की याद
दिला रहा होगा !} 24. Nb1 (24. b4 f5 25. exf5 Rxf5 26.
bxc5 Qh3 27. Qxf3 Rxf3 28. Bxe5 dxe5 29. Ne4 Qg4+ 30. Ng3 h5 31. c6 Rf8 32. c7
Qg7 33. Rd8 Qxc7 34. Rxf8+ Kxf8 $19) 24... f5 25. exf5 Rxf5 26. Nd2 Qh3 27.
Nxf3 Bxg3 28. Qe2 Rxf3 (28... Bf4 $19) 29. fxg3 Rxg3+ 30. Kf2 Rg2+ 31. Ke1
Rxe2+ 32. Kxe2 Qg4+ 33. Kd2 Ne4+ 34. Ke3 Ng3 35. Rg1 h5 36. Kd2 h4 37. Rde1 Kf7
38. Ra1 Qd4+ 0-1
आर्यन – इस दौरान मुझे ज्यादा मैच तो नहीं मिले पर मैं काम करता रहा घर पर मैंने अपनी पहली आई एम नोर्म बनाई थी सितंबर 2013 में और उसके बाद मैं 2015 जून में अपने पहले टूर्नामेंट में मैंने नोर्म लिया । पर वंहा मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार ग्रांड मास्टर जिनकी रेटिंग 2560 थी को हराया तो मुझे अंदर से आत्मविश्वास आया की मैं ग्रांड मास्टर को हारा सकता हूँ उसी टूर्नामेंट में मैंने तीन ग्रांड मास्टर को हराया और एक इंटरनेशनल मास्टर को हराया । पर उस टूर्नामेंट में मैं ग्रांड मास्टर नोर्म लेने से चूक गया क्यूंकी अंतिम राउंड में स्टेफ़्नोवा से अच्छी स्थिति में आकर भी मैं हार गया । और मुझे आई एम नोर्म मिली
निकलेश – आर्यन आप भारत के वर्तमान में सबसे युवा ग्रांड मास्टर है तो आगे कहाँ तक जाने का लक्ष्य है भारतीय टीम बाकू में खेल रही थी मैच देख रहे थे आप ? भारतीय टीम कब जगह बनाना चाहेंगे ?
आर्यन – हाँ बाकू के मैच यहाँ ( मलेशिया ) आने के पहले तक तो देख रहा था यहाँ आके इतना समय नहीं मिला । हाँ बिलकुल कोशिश करूंगा टीम में जगह बनाने की
निकलेश – आर्यन भारतीय टीम में इस समय विदित ,अधिबन ,सेथुरमन ,सभी काफी अच्छा कर रहे है हरिकृष्णा तो आनंद के आसपास पहुँच रहे है आनंद तो खुद एक बड़ी प्रेरणा है तो ऐसे में कैसा लगता है इनके खेल देखना ?
आर्यन – मैं सबके खेल लगातार देखता हूँ जब ये टूर्नामेंट खेलते है लाइव मैच भी देखता हूँ ।
निकलेश - भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए आपको नेशनल चलेंजर और प्रिमियर खेलना होता है तैयार है
आर्यन - हाँ मैं तैयार हूँ
निकलेश - भारत के बाहर किसी खास जगह आपको खेलना पसंद हो कोई खास जगह ?
आर्यन - हाँ जी हम गए थे इसी साल दुबई और आबूधाभि यूएई में और आबूधाभि तो फिर खेलना चाहूँगा । और बुल्गारिया में भी दो टूर्नामेंट मैंने दो साल 2014 और 2015 में खेले फिर 2016 में एक मैच रद्द हो गया और एक का स्तर नीचे आ गया तो फिर हम नहीं गए ।
निकलेश - तो जैसे आबूधाभि आपको पसंद आया तो आपके हिसाब से ऐसा क्या है जो आपको लगता है किसी टूर्नामेंट को अच्छा बनाता है ?एक खिलाड़ी होने के नाते ऐसा क्या है ताकि खिलाड़ी अच्छा महसूस करे
[Site "?"]
[Date "2016.08.29"]
[Round "9"]
[White "Ter-Sahakyan, Samvel"]
[Black "Aryan, Chopra"]
[Result "0-1"]
[ECO "C76"]
[WhiteElo "2613"]
[BlackElo "2485"]
[Annotator "Aryan"]
[PlyCount "76"]
[SourceDate "2010.06.24"]
1. e4 e5 2. Nf3 Nc6 3. Bb5 a6 4. Ba4 g6 5. O-O Bg7 6. c3 d6 7. d4 Bd7 8. d5
Nce7 9. Bxd7+ Qxd7 10. c4 h6 11. Nc3 f5 12. Ne1 Nf6 13. Qe2 fxe4 14. Nxe4 Nxe4
15. Qxe4 c6 16. dxc6 Qxc6 17. Qxc6+ bxc6 18. b3 e4 19. Rb1 Nf5 20. Nc2 Kd7 21.
Rd1 Rhe8 22. Kf1 a5 23. Ke2 Re6 24. Be3 Rf6 25. Bd2 Rf7 26. Be1 h5 27. Kf1 Ke6
28. Kg1 d5 29. f3 d4 30. fxe4 Ne3 31. Nxe3 dxe3 32. Bg3 h4 33. Bd6 e2 34. Rd3
Raf8 35. Bxf8 Bxf8 36. g4 Bc5+ 37. Kg2 Rf2+ 38. Kh3 Rf1 0-1
आर्यन - एक तो वंहा पर आपके देश के झंडे लगे होते है उससे काफी प्रेरणा मिलती है की अपने देश के लिए खेलना है । मैच में बोर्ड के बीच में काफी जगह होती है । और अलग अलग हॉल होते है रूम का तापमान अच्छा होता है ।
निकलेश - धन्यवाद !आर्यन आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा और जैसा की भारत के तिरंगे के प्रति आपका झुकाव है और आप भारत से खेलने से गर्व महसूस करते है हमारी शुभकामना है की आप ना सिर्फ 2900 का आंकड़ा छूएँगे बल्कि कभी न कभी विश्व शतरंज चैम्पियन भी बनेंगे । बहुत बहुत शुभकामनाए !
आपके सुझाव मुझे ईमेल करे - nikmpchess@gmail.com
आपका दोस्त
निकलेश जैन