प्रग्गानंधा !! नाम तो सुना ही होगा !!
18/11/2017 -शतरंज का जन्म भारत में हुआ था पर 1987 के पहले भारत का इस खेल में विश्व स्तर पर कोई खास स्थान नहीं था तब विश्वनाथन आनंद के विश्व जूनियर बनने के सफर से दरअसल सही मायने में भारत का शतरंज में सफर शुरू हुआ था । उस समय जब इस खेल को समझने वाला या इसमें महारत रखने वाला भी भारत में कोई ना था । भारत में आनंद की जीत इस खेल के लिए एक संजीविनी बूटी साबित हुई ,और आज उसका परिणाम कुछ यूं सामने आ रहा है की आज 30 साल बाद भारत के 12 वर्षीय प्रग्गानंधा के प्रदर्शन से विश्वभर की नजरे भारत की इस आश्चर्यचकित करती प्रतिभा पर आ टिकी है । और सारी शतरंज की दुनिया बस एक ही सवाल कर रही है क्या यह बालक दुनिया का सबसे कम उम्र का ग्रांड मास्टर बन जाएगा ?क्या यह बालक दुनिया का सबसे कम उम्र का विश्व जूनियर चैम्पियन बन जाएगा ?और क्या यह आने वाले विश्व चैम्पियन के कदमों की आहट है ? पढे यह लेख !