विश्व स्कूल 2016 - दो भारतीय खिलाड़ी सयुंक्त बढ़त पर
06/12/2016 -अगर आप वाकई रूस के शतरंज की जड़े कितनी गहरी है यह देखना चाहते है तो इस समय चल रही विश्व स्कूल शतरंज स्पर्धा इसको समझने के लिहाज से सबसे बेहतरीन जगह है ।भले ही शतरंज का जन्म भारत में हुआ पर इस खेल को पाला पोसा रूस नें है । रूस में यह खेल बच्चो के बौद्धिक विकास के लिए एक अनिवार्य अंग की तरह देखा जाता है।रूस संघ स्कूल में शतरंज के बोर्ड से लेकर शतरंज घड़ी और शतरंज खेल सीखने की किताबे निःशुल्क स्कूल में बांटते है और यह उनके सबसे मुख्य कार्यो में से एक है और अगर ऐसे में रूस नें विश्व को 13 विश्व चैम्पियन दिये है तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए ।खैर दो चक्रो के बाद फिलहाल रूस ही सबसे आगे नजर आता है और उसका एक मुख्य कारण सबसे बड़े दल का होना भी है संख्या के लिहाज से 30 देशो के कुल 500 खिलाड़ियों में 220 खिलाड़ी अकेले रूस से ही इस स्पर्धा में भाग ले रहे है । भारत की हर्षिनी और ध्याना पटेल अपने तीनों मैच जीतकर बढ़त पर चल रही है और अन्य वर्गो में भी भारत से पदक की उम्मीद है ।