भोपाल ओपन 2016 - आगे बढ़ता मध्य प्रदेश !!

23/12/2016 -

मध्य प्रदेश नें शतरंज के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षो में शानदार प्रगति की है ,मध्य प्रदेश के नन्हें खिलाड़ी अब राष्ट्रीय स्पर्धाओं में शानदार प्रदर्शन कर रहे है ,भारतीय टीम में भी अब इस राज्य के खिलाड़ी अपनी जगह बना रहे है । तीन साल पहले भोपाल ओपन नें मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों को जो मंच प्रदान किया अब वही खिलाड़ी अनुभवी और परिपक्व खिलाड़ियों को पराजय का स्वाद चखा रहे है । बंसल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस अँड टेक्नोलोजी,आनंद नगर,भोपाल में चल रहे चतुर्थ भोपाल इंटरनेशनल शतरंज स्पर्धा में आज सातवें दौर के परिणामो के बाद मध्य प्रदेश के कई नन्हें सितारे अपने प्रदर्शन से धूम मचाते नजर आ रहे है ।  मध्य प्रदेश के अर्जुन तिवारी आज महाराष्ट्र के श्रीनाथ राव से ड्रॉ खेलकर 6.5 अंको के साथ सयुंक्त बढ़त पर चल रहे है साथी ही दोनों शीर्ष वरीय खिलाड़ियों श्रीराम झा और रवि तेजा को हराने  वाले महाराष्ट्र के अनीश गांधी भी 6.5अंको के साथ बढ़त पर है । से देखना होगा कौन अगले तीन चक्र में अपनी बढ़त बनाए रख पाता है । 

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वेसली सो :: लंदन क्लासिक और ग्रांड चैस टूर विजेता

20/12/2016 -

पिछले 10 दिनो से लंदन में चल रहे लंदन चैस क्लासिक का खिताब अंततः शुरुआत से ही बढ़त पर चल रहे युवा और बेहद प्रतिभाशाली अमेरिका के वेसली सो ने जीत लिया इसके साथ ही वो अपने खेल जीवन में पहली बार विश्व नंबर 4 और 2800 ज्यादा रेटिंग वाले खिलाड़ी बन जाएंगे उन्होने साथ ही ग्रांड चैस टूर विजेता खिताब भी अपने नाम कर लिया साथ ही कुल मिलाकर जीसीटी से उन्होने 295000 पाउंड मतलब करीब 2 करोड़ 59 लाख रुपेय पुरुष्कार के तौर पर अपने नाम किए । दूसरे स्थान पर 5.5 अंको के साथ अमेरिका के फेबियानों करूआना रहे तीसरे स्थान पार सयुंक्त रूप से भारत के विश्वनाथन आनंद ,अमेरिका के नाकामुरा और रूस के पूर्व विश्व चैम्पियन व्लादिमीर क्रामनिक रहे  दोनों से कोई भी एक जीत दर्ज करके दूसरे स्थान पार पहुँच सकता था पर मैच बराबरी पर छूटा और दोनों के 5 अंक ही रह गए वही नाकामुरा भी इंग्लैंड के एडम्स से ड्रॉ खेलकर 5 अंको पर पहुँच गए थे । ऐसे में तकनीकी तौर पर टाई ब्रेक के आधार पर क्रामनिक तीसरे आनंद चौंथे और नाकामुरा पांचवे स्थान पर रहे ।

 

लंदन चैस क्लासिक - आनंद ने टोपालोव को हराया !!

18/12/2016 -

पहले कुछ चौंकाने वाली चालें ,फिर कुछ दबाव और अच्छी चालों का संतुलन और आखिर में सामने वाले की गल्तियों का फायदा उठाकर मैच जीत लेना कुछ ऐसा ही हुआ   लंदन चैस क्लासिक के आठवे राउंड में भारत के पाँच बार के विश्व विजेता विश्वनाथन आनंद ने आज अपने पुराने प्रतिद्वंदी पूर्व विश्व विजेता बुल्गारिया के वेसलिन टोपालोव को पराजित करते हुए चौंथे स्थान से सीधे संयुक्त तीसरे स्थान पर आ गए ,प्रतियोगिता में यह उनकी दूसरी जीत रही इससे पहले दूसरे राउंड में उन्होने एमएलवी को हराया था. वैसे तो आज अन्य सभी मैच ड्रॉ रहे पर अमेरिका के वेसली सो ने आज फबियानों से ड्रॉ खेलते हुए ग्रांड चैस टूर का  ओवर आल खिताब पाने नाम कर लिया वो लंदन क्लासिक जीतेंगे या नहीं वो अंतिम राउंड में पता चलेगा

विश्व स्कूल 2016 - दो स्वर्ण समेत भारत दूसरे स्थान पर

14/12/2016 -

भारत के तिरंगे को विश्व पटल पर सम्मानित होते हुए कभी ना भूल पाने वाले लम्हे के बीच विश्व स्कूल शतरंज स्पर्धा का भव्य समापन सोच्चि रूस में सम्पन्न हुआ ।छोटे छोटे नन्हें बच्चे अपने अपने देशो की खास पहनावे और झंडे के साथ शांति और प्रेम का रंग बिखरते नजर आए यह ऐसा लम्हा था जो शायद वहाँ मौजूद हर किसी के लिए अविस्मरणीय बन गया । विश्व स्कूल शतरंज विजेताओ सहित टीम स्पर्धा में भारत की जीत नें भारत के लिए यह प्रतियोगिता सफल बना दी । हर्षिनी और ध्याना के रूप में भारत को दो नए विश्व स्कूल शतरंज चैम्पियन मिले । भारत के कई नन्हें सितारे पदक से चूके भी पर सभी नें शानदार खेल दिखाया । उज्बेकिस्तान जिसने अपनी मुख्य टीम इस स्पर्धा में उतारी विजेता बन के उभरा और  सभी को एक संदेश दे गया । रूस के खिलाड़ियों का दबदबा हर वर्ग में नजर आया , भारत के नजरिए से अगर विश्व स्कूल स्पर्धा पर विशेष ध्यान दिया जाए तो हमें और पदक जीतने संभावना बना सकते है और पहले स्थान पर तिरंगा लहरा सकते है । देर से लेख के लिए क्षमा करेंगे पढे यह लेख ..

लंदन चैस क्लासिक - जन्मदिन धमाका -आनंद जीते

11/12/2016 -

जब आप की उम्र बढ़ रही हो और अगर आपको लगे की अब आपके लिए पहले जैसा काम करना मुश्किल है एक बार विश्वनाथन आनंद को जरूर याद कीजिएगा यकीन मानिए आप ऊर्जा से भर जाएंगे और गर्व से भी । उम्र  के 47 वे पड़ाव पर पहुँचने वाले पाँच बार के विश्व विजेता भारत की शान और भारतीय शतरंज के भगवान विश्वनाथन आनंद को सभी चाहने वालों की ओर से जन्मदिन की बहुत -2 शुभकामनाए !! ग्रांड चैस टूर का निर्णायक पड़ाव लंदन चैस क्लासिक शुरू हो चुका है और आनंद नें पहले ,मैच में युवा 24 वर्षीय विश्व नंबर 2 फेबियानों को ड्रॉ पर रोका तो दूसरे चक्र में विश्व नंबर 4 युवा 26 वर्षीय एमएलवी को शानदार आक्रामक तरीके से पराजित किया और आप इससे ज्यादा क्या उम्मीद कर सकते है ।इस उम्र में  भी उनका जज्बा खेल के प्रति समर्पण और ऊर्जा अनुकरणीय है और शायद किसी भी शोध का विषय हो सकती है पर उनके चाहने वालों के लिए तो बस आनंद ही आनंद है !!

विश्व स्कूल 2016 - तापमान नीचे और हौसला उपर

10/12/2016 -

तापमान नीचे जा रहा है पर मनोबल उपर की ओर यही कहानी है भारत की सोच्ची में !सोच्ची रूस में चल रही विश्व स्कूल चैंपियनशिप अब अपने निर्णायक पड़ाव पर आ गयी है और अगले दो राउंड ही तय करेंगे की कौन पदक जीतेगा और कौन नहीं । खैर भारत के लिहाज से पिछले कुछ राउंड काफी अच्छे साबित हुए है 18 सदस्यीय भारत का दल इस बार बड़ा दल तो नहीं है पर  लगभग हर वर्ग में भारत के लिए कोई ना कोई पदक की संभावना बन कर उभरा है । इस बीच हुए ब्लिट्ज़ टूर्नामेंट और विश्राम के दिन का हम सभी नें जमकर लुत्फ उठाया और सोच्ची की मेहमान नवाजी का आनंद लिया । इसके साथ ही एक बार फिर हमें रूस की एक बड़ी हस्ती का इंटरव्यू लिया और जानने की कोशिश की आखिर क्यूँ रूस का स्कूल शतरंज इतना मजबूत है ऐसे कौन से तरीके है जिससे उन्हे मदद मिली पढे यह लेख ..

लंदन चैस क्लासिक - आनंद के मैच का सीधा प्रसारण

09/12/2016 -

विश्व के सबसे प्रतिष्ठित शतरंज टूर्नामेंट में शुमार लंदन चैस क्लासिक का आठवाँ संस्करण आज से प्रारम्भ हो गया है विश्व के शीर्ष दस में से आठ खिलाड़ी इस दस खिलाड़ियों के राउंड रॉबिन टूर्नामेंट में भाग ले रहे है । रोमांच अपने चरम पर होगा क्या आनंद अपनी शानदार लय को यहाँ भी बरकरार रख पाएंगे ।क्रामनिक ,टोपालोव और आनंद की अनुभवी तिकड़ी का सो ,नाकामुरा और फबियानों से कैसा रहेगा मुक़ाबला ,देखे सीधा प्रसारण चैसबेस इंडिया में .लाइव बुक और मजबूत इंजन के साथ 

विश्व स्कूल 2016 - दो भारतीय खिलाड़ी सयुंक्त बढ़त पर

06/12/2016 -

अगर आप वाकई रूस के शतरंज की जड़े कितनी गहरी है यह देखना चाहते है तो इस समय चल रही विश्व स्कूल शतरंज स्पर्धा इसको समझने के लिहाज से सबसे बेहतरीन जगह है ।भले ही शतरंज का जन्म भारत में हुआ पर इस खेल को पाला पोसा रूस नें है । रूस में यह खेल बच्चो के बौद्धिक विकास के लिए एक अनिवार्य अंग की तरह देखा जाता है।रूस संघ स्कूल में शतरंज के बोर्ड से लेकर शतरंज घड़ी और शतरंज खेल सीखने की किताबे निःशुल्क स्कूल में बांटते है और यह उनके सबसे मुख्य कार्यो में से एक है और अगर ऐसे में रूस नें विश्व को 13 विश्व चैम्पियन दिये है तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए ।खैर दो चक्रो के बाद फिलहाल रूस ही सबसे आगे नजर आता है और उसका एक मुख्य कारण सबसे बड़े दल का होना भी है संख्या के लिहाज से 30 देशो के कुल 500 खिलाड़ियों में 220 खिलाड़ी अकेले रूस से ही इस स्पर्धा में भाग ले रहे है । भारत की हर्षिनी और ध्याना पटेल अपने तीनों मैच जीतकर बढ़त पर चल रही है और अन्य वर्गो में भी भारत से पदक की उम्मीद है ।

तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जयललिता का निधन

05/12/2016 -

भारत में पहली बार विश्व शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन संभव बनाने वाली तामिलनाडु की मुख्यमंत्री और देश की ताकतवर महिला राजनेताओं में से एक जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार रात निधन हो गया।वह 68 वर्ष की थीं और तकरीबन पिछले 3 माह से अस्पताल में भर्ती थीं । चेन्नई में 2013 में जब पहली बार विश्व शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन हुआ था तब तमाम शंकाओं को हटाते हुए उन्होने ही इस आयोजन और ना सिर्फ उन्होने प्रायोजित किया था बल्कि आज भी वो प्रतियोगिता सबसे ज्यादा पुरुष्कार राशि वाली विश्व चैंपियनशिप के तौर पर जानी जाती है ।  वह शतरंज खेल की बहुत बड़ी प्रशंसक थी और उनके प्रयासो से ही तमिलनाडू में स्कूल में शतरंज खेल को स्कूल के पाठ्य क्रम में शामिल किया गया। चेसबेस इंडिया उनके निधन से शतरंज जगत को हुई क्षति के लिए शोक व्यक्त करता है और उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके चाहने वालों को इस दुख को सहने का साहस मिले ऐसी कामना करता है । 

विश्व स्कूल शतरंज स्पर्धा 2016 का रंगारंग शुभारंभ !

04/12/2016 -

रूस का नाम सुनते ही किसी भी शतरंज खिलाड़ी का मन सम्मान से भर जाता है और आखिर हो भी क्यूँ ना आज विश्व शतरंज अगर भारत को इस खेल के जन्म के लिए तो रूस को इस खेल की प्रगति के लिए इस खेल को नई ऊँचाइयाँ देने के लिए सम्मान की नजरों से देखता है ।विश्व चैम्पियन के नामों में रूस का दबदबा आप भी जानते है  मेरे लिए यह 2012 के बाद रूस की दूसरी यात्रा है यकीन मानिए रूस में शतरंज के स्कूल में ऐसा क्या है जो उन्हे सबसे से अलग करता है उसका नजारा विश्व स्कूल शतरंज स्पर्धा के रंगारंग उदघाटन से हो जाता है रूस के बच्चो से टूर्नामेंट स्थल भरा हुआ है । फीडे प्रेसिडेंट  किरसान इल्यूमज़्हिनोव नें बताया की आखिर क्यूँ स्कूल में शतरंज फीडे और उनके लिए एक मुख्य लक्ष्यों में से एक है और साथ ही साथ फीडे इसके विकास के लिए क्या कर सकने  की सोच रखता है । खैर इन सबके बीच जादू और हैरतअंगेज करतबो के बीच विश्व स्कूल शतरंज स्पर्धा का शानदार उदघाटन हुआ 

कार्लसन बने लगातार तीसरी बार विश्व विजेता

02/12/2016 -

नाम मेगनस कार्लसन ,उम्र 26 वर्ष दुनिया भर में चाहने वाले और खिताब है शतरंज में लगातार तीसरी बार के विश्व विजेता ।पहले बारह मुकाबलों में 7 मैच ड्रॉ रहे थे और 8वां मैच कर्जाकिन ने जीत कर बढ़त बना ली थी और ऐसा लग रहा था की कर्जाकिन दुनिया के 17वे विश्व चैम्पियन बन सकते है पर कार्लसन नें शानदार वापसी करते हुए पहले मुक़ाबला बराबर किया और फिर टाई ब्रेक में लगभग एकतरफा अंदाज में जीत दर्ज की । 2007 के बाद से रूस से दूर है विश्व खिताब ,कर्जाकिन भी वापस रूस नहीं ले जा पाये। 2007 के बाद से आनंद नें तीन बार तो कार्लसन नें तीन बार विश्व खिताब को पहले भारत तो फिर नॉर्वे के खाते में रखा है और इस प्रकार 13 विश्व चैम्पियन देने वाला रूस 10 वर्षो से इस खिताब से दूर है और बहुत नजदीक जाकर बढ़त बनाकर भी कर्जाकिन रूस का यह सपना पूरा नहीं कर सके ।कार्लसन नें भी माना की यह उनके लिए बेहद कठिन मुक़ाबला था दुनिया भर में उनकी शानदार जीत के साथ कर्जाकिन के शानदार खेल की भी लोग प्रशंसा कर रहे है 

राउंड -12 ड्रॉ ::: मोहरो नें कहा -तू चल मैं आया !

29/11/2016 -

तू चल मैं आया जी हाँ कुछ ऐसा ही नजारा था आज मोहरो का खेल में आज मोहरे लगातार खेल से बाहर होते रहे जिन लोगो को इतने दिनो से समय नहीं मिला था वो सोच रहे थे की आज विश्व शतरंज चैंपियनशिप का फ़ाइनल मैच जरूर देखेंगे और इस महामुकाबले का देर रात तक मजा लेंगे पर आज के जल्द ही ड्रॉ हुए मैच ने उनकी उम्मीद पूरी नहीं होने दी । किसी ने भी नहीं सोचा था की सफ़ेद मोहरो से खेल रहे कार्लसन खुद  इस मैच को ड्रॉ रखते हुए टाई ब्रेक में जाना पसंद करेंगे खुद कर्जाकिन के लिए भी यह चौंकाने वाला कदम रहा । खैर इस बात से यह भी साफ है की 30 नवंबर को अब टाई ब्रेक के साथ खेल अपने नए रोमांच को छूएगा छोटे फॉर्मेट में होने वाले ये मैच हर कोई पूरा देखना चाहेगा ,इतनी लंबी विश्व चैंपियनशिप का सारा निचोड़ जब आपको एक दिन में देखने मिले तो कौन इसका आनंद उठाना नहीं चाहेगा ! 

चैसबेस और हिन्दी का सफर -2

27/11/2016 -

2013 की विश्व चैंपियनशिप के बाद चैसबेस और हिन्दी के लेख अब कभी कभार  इसकी अंतर्राष्ट्रीय वैबसाइट पर आने लगे थे इस दौरान विश्व शतरंज ओलम्पियाड में भारत नें कांस्य पदक जीतकर इतिहास बनाया तो इतिहास में हिन्दी और शतरंज के संबंध दर्शाता मेरा एक लेख प्रकाशित हुआ । फिर एक बार पुनः मौका मिला जब सोच्चि रूस में पुनः विश्व शतरंज चैंपियनशिप आनंद और कार्लसन के मध्य आरंभ हुआ लोग वही थे बस किरदार बदल गए थे । कार्लसन जहां विश्व विजेता थे तो आनंद कैंडिडैट जीतकर अबकी बार चैलेंजर की भूमिका में थे । आनंद भले ही इस बार फिर नहीं जीत पाये थे पर आनंद नें अपने जुझारूपन से दुनिया के हर शतरंज प्रेमी का मन जीत लिया था और सबको ये संदेश दे दिया था चाहे जो हो हमे प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिए ! 

राउंड 11- रानी थी बस एक कदम दूर ,पर राजा था मजबूर !

27/11/2016 -

कार्लसन का प्यादा रानी बनने से बस एक कदम दूर था ,पर क्या करे राजा मजबूर था ! एक शानदार मैच और बराबरी पर समाप्त हो गया । सफ़ेद मोहरो से अपनी अंतिम बाजी खेल रहे कर्जाकिन नें आज फिर राय लोपेज पर ही अपना विश्वास दिखाया पर कार्लसन के खेल में पिछली जीत का असर साफ दिख रहा था वो खेलते वक्त आज शांत थे और अच्छी चाले चल रहे थे और अपने प्यादो से उन्होने शानदार खेल दिखाया और थोड़ी बढ़त भी हासिल कर ली , उनका एक प्यादा रानी बनने के लिए उन्होने आगे बढ़ दिया और थोड़ी देर के लिए जीत की उम्मीद भी जगा दी , पर बचाव करने में माहिर कर्जाकिन नें कार्लसन के राजा की कमजोरी को निशाना बनाते हुए कार्लसन को ड्रॉ पर रोक लिया । अब अंतिम और 12वें मैच पर पूरी दुनिया की निगाहे है बस एक जीत विश्व चैम्पियन का ताज दिला सकती है ! कौन होगा विश्व विजेता आज कौन जीतेगा !!

विश्व चैंपियनशिप -कार्लसन की वापसी -हिसाब बराबर

25/11/2016 -

एक चैम्पियन का गिरना उसके तेजी से उठ खड़ा होने के संकेत देता है , भारी  दबाव के बीच अपनी लय तलाशते हुए मौजूदा विश्व चैम्पियन नें अपने हाथ से फिसलते जा रहे अपने ताज को एक बार फिर मजबूती से पकड़ लिया है और अब यह मुक़ाबला ऐसी स्थिति में है जहां से कुछ भी संभव है जो जीतेगा वह सिकंदर कहलाएगा । कार्लसन नें आज कर्जाकिन को एकदम बराबर चल रहे खेल में गलतियाँ करने पर विवश कर दिया  ।कर्जाकिन कार्लसन के धीमें खेल को नहीं समझ सके और कई बार अपने मोहरो या प्यादो को बेहतर करने के मौके का उतना अच्छा इस्तेमाल नहीं कर सके जैसा की कार्लसन कर रहे थे । कार्लसन की जीत नें इस महामुकाबले को नए रोमांच से भर दिया पढे इस लेख में वेसली सो और चेसबेस 14 के विश्लेषण ..

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